Web 3.0 Kya Hai? What is Web 3.0 Explained in hindi?

जैसा कि आप जानते हैं कि इंटरनेट की दुनिया broad होती चली जा रही है वही आज के युग में Internet ज्यादातर लोगो तक Available है साथ ही साथ इसका Advance Version Web 3.0 अब लोगो के access में आ चुका है।

वेब 3.0 को future का Internet भी कहा जा रहा है क्योंकि यह Blockchain Technology जो की Cryptocurrency में भी use किया जाता है का उपयोग करके users को high Encryption provide करता है।

कई सारी बड़ी-बड़ी कंपनियां जैसे Google, Apple, Facebook (Meta) Web 3.0 के लिए Platforms को डिजाइन कर रही है जो की पूरी तरह से based है Blockchain Technology, decentralized technology पर।

Web 3.0 इन दिनों बहुत आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। प्रत्येक Users की Security के लिहाज से Web 3.0 High Secured Internet जिसे Internet का बाप कहा जा रहा है।

Web 3.0 को समझने से पहले हमें यह समझना होगा की  Web 1.0 अतः वेब 2.0 क्या है और क्यों Web 3.0 की ओर रुझान किया जा रहा है।

साथ ही हमें यह भी जानने की आवश्यकता है की Internet की शुरुआत कहां से हुई।

Web 3.0 Kya Hai?

Internet का जन्म 

शुरुआती दिनों में internet जोकि World Wide Web के रूप में जाना जाता था। जिसमें information को आदान प्रदान करने के लिए या Read & Write के लिए साथ ही साथ Communication करने के लिए इसका उपयोग किया जाता था।

अपने शुरुआती वर्षों से लेकर आज Internet बहुत ही अलग तरीके से बदल चुका है। वर्तमान में जिस Internet का हम उपयोग कर रहे हैं उसकी तुलना अगर शुरुआती इंटरनेट से की जाए तो कह सकते हैं यह एक advance Technology है। लेकिन आने वाला दौर web 3.0 का है।

चलिए internet के सारे दौरो को अच्छे से समझते हैं जो कि वेब 1.0, वेब 2.0, और वेब 3.0 के नाम से जाने जाते है।

Web 1.0 Kya Hai?

जैसा कि नाम से ही डिस्क्राइब हो रहा है Web 1.0 जो की Internet का पहला दौर।

Internet के इस दौर में आप या हम Internet पर जो भी information थी उसे सिर्फ और सिर्फ पढ़ सकते हैं किसी भी प्रकार का यहां पर कोई interaction नहीं था। ना Click किया जा सकता था और ना ही किसी और प्रकार का Action दिखा सकते थे।

Web 2.0 में सभी websites स्टैटिक pages का ही उपयोग करती थी, इसका मतलब है सिर्फ लिखते थे और Information देते थे।

इसमें किसी भी प्रकार का कोई भी hypertext markup language (HTML) का कोई भी तारीख नहीं था ताकि click activity की जा सके और users को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जा सके।

एक अनुमान के मुताबिक Web 1.0 का दौर लगभग सन 1991 से 2004 तक चला।

Users आता था information लेता था और websites से चला जाता था किसी प्रकार का कोई Interaction ना होने के कारण बड़े पैमाने पर Web Developers ने Web 2.0 की ओर रुझान किया।

Web 2.0 Kya Hai?

Web 2.0 internet का second interactive phase या version है जोकि वेब 1.0 का ही एक upgraded रूप है।

इस दौर में हमे interaction का change मिला उदाहरण के लिए हम किसी भी Websites के पेज पर जाकर उसमें लगे links पर click कर सकते हैं comment कर सकते हैं।

इसी के साथ हम websites के articles में comment करके दूसरे users से या फिर websites owner से भी communicate कर सकते हैं।

साथ ही Web 2.0 में link to link Data को transfer करा सकते है वो भी बहुत तेजी से। अपने खुद के personal Experiences को images और videos के रूप में  share कर सकते है। तो काफी Interactive functions है जो कि web 2.0 में add की गई।

एक अनुमान के मुताबिक Web 2.0 2004 मैं शुरू हुआ और अभी तक इसका उपयोग किया जा रहा है।

Web 2.0 ने यह साबित कर दिया कि internet को use करने के लिए या internet पर communication करने के लिए आपको developer होने की कोई आवश्यकता नहीं।

बड़े-बड़े platforms के एकाउंट्स जैसे कि Facebook account, You tube channel, Twitter handler, और तो और websites को manage करने के लिए आपको किसी भी developers की आवश्यकता नहीं। Internet के इस दौर में जिसे Web 2.0 कहा जाता है बहुत ही आसान हो चुका है।

इन सभी platforms पर आप आसानी से जाकर अपना content share कर सकते हो जैसे की images videos, Short videos, audios और text में आप अपने friends से Relatives और अपने surroundings के साथ interact कर सकते हो।

साथ ही साथ internet के web 2.0 के दौर को  कहा जाता है Age of targeting Advertising and lack of privacy.

क्योंकि इसमें Users खुद internet पर अपनी personal Information को share कर दोता है या कहीं ना कहीं किसी ना किसी Server में Store कर देता है जिसको Hackers द्वारा hack भी किया जा सकता है।

इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए internet पर जो smart Brain है वो वेब 3.0 blockchain based decentralized technology को पूरी तरह से Reality में लेन में लगे हुए है।

Web 3.0 Kya Hai?

Web 3.0 privacy के लिहाज से अभी तक का advance Internet है क्योकि इसमें high Secured Technology का उपयोग होता है जो है, Decentralization, blockchain, और Open Source।

Decentralization: –

इसका सिंपल शब्दों में यह मतलब है जितनी भी बड़ी बड़ी Companies जैसे Facebook (Meta), Google, Apple, इत्यादि उनकी Power सभी में distribute करदो जिसका मतलब Decentralized।

Open Source: – 

जैसे कि Android एक Open Source Platform है के कोई भी आकर उसमें अपने Applications add कर सकता है और modify कर सकता है उसी तरीके से web 3.0 भी Open Source हो और कोई भी उसे Modify कर सके।

Blockchain: –

Blockchain एक बहुत ही ज्यादा Secured Technology है जिसके अंदर आपका data Store होता है।

जैसा की नाम से ही आपको पता चल रहा होगा कि Blockchain इसका मतलब है आपका जो data है वह अलग अलग blocks में Store होगा जोकि chain से secured होगा।

इसी के आधार पर ऐसा कहा जाता है की इसको हैक करना बहुत ही मुश्किल है क्योंकि आपका data एक server में नहीं बल्कि कई सरे Servers में Stored होगा। जिसकी वजह से Hackers को hack करने के लिए सभी servers को hack करना पड़ेगा जोकि impossible है।

क्या आप जानते हैं कि Web 3.0 कहां से आया। आपको पता है कि Cryptocurrency में web 3.0 की highly  secured Technologies का बहुत उपयोग किया जाता है।

वही एक Cryptocurrency है Ethereum जिसके Co Founder है Gavin wood इन्होंने यहाँ पर Ethereum cryptocurrency की नीव राखी और कहा Web 3.0 internet बहुत ही Different Experience दे रहा है।

केविन वुड कहते हैं कि web 3.0 लोगों को एक अलग ही Experience देगा। यह लोगो को एक साथ लेकर आएगा और लोग एक अलग ही दुनिया का अनुभव करेंगे।

Web 3.0 के फायदे

तो चलिए अब हम बात करते है 5 ऐसे major Points जो web 3.0 हमें लेकर देगा।

1. बेहतर Search: –

काफी बार ऐसा होता है कि जब भी हम कुछ सर्च करते हैं तो हमें बहुत ही specific Keyword डालने होते हैं या जब भी कभी Google assistant या फिर किसी भी voice assistant से बात करते है तो हमें एक particular sentence बोलना पड़ता है किसी भी काम को करवाने के लिए।

इसी को और natural way  में लेन के लिए web 3.0 में ये एक ऐसा feature डाला गया है के अगर आप कुछ भी बोल देते हो जैसे अपने दोस्तों के साथ बात कर रहे हो same वैसे ही और आपको Exact result मिल जाये। इसी तारीखे के हमारे search engine होंगे जिनसे आप natural way में पूछ सकते हो और correct answer मिल जाया करेंगे।

ऐसा माना जा रहा है की Facebook (Meta) अपने  Metaverse platform में इन सारी applications को Implement कर सकता है और एक virtual world का अलग ही experience दे सकता है।

तो इसी को देख कर लग रहा है की भविष्य में search Engine काफी natural way में काम करने वाला है और हमें एक बेहतर अनुभव देने वाला है।

2. स्वम का शासन: –

इसका मतलब यह है की किसी भी Websites या platform के users मिलकर अपने खुद के rules set कर सकते है।

उदहारण के लिए हम Facebook उपयोग करते है जहा अभी फेसबुक हमारे लिए rules और privacy set करता है। लेकिन Web 3.0 में इसका विपरीत ही होगा मतलब हम Users ही खुद के Rules सेट करेंगे।

साथ ही साथ इसका यह भी मतलब होगा के किसी और के हाथ में हमारा control नहीं होगा। मतलब No Censorship.

3. Personalize Browsing Experience: –

आज के समय में आप जिस भी website पर visit करते हो तो आपको भी लगता होगा के ज्यदातर का interface तो same ही है वही अगर ads की बात करे तो वो बहुत ही personalize होते है जो भी हम सर्च कर रहे है या देख रहे है उसी से related ads हमें देखने को मिलते है।

सोचो अगर ऐसा हो के हर एक Individual को उसके taste के मुताबिक platform देखने को मिल जाये मतलब individual customized होने लग जाये। तो ऐसा ही कुछ experience देखने को मिल सकता है web 3.0 में।

4. एक ही बार Sign in: –

Web 2.0 में जब ही हम किसी भी website पर visit करते है तो हमें अपनी details बार बार fill करनी पड़ जाती है जिसका मतलब है की हमें हर बार एक new Account create करना पड़ता है।

Web 3.0 यही problem solve कर रहा है। इसमें हमें anonymous sign in करने की facility मिलती है जहा पर हमें सिर्फ एक ही बार user create करना है और फिर किसी भी websites पर जाकर anonymous sign in कर सकते है।और हम anonymous ही रहेंगे। Web 3.0 का यह feature हमें एक बोहोत बेहतरीन security दे सकता है।

5. बिना रुके Services: –

हाल ही में What’s app, Facebook, और Instagram की Service down  हो गई थी। किसको Technically समझा जाये तो उसके server पर कुछ issue  हो गया था जिसके कारण उसकी service down हो गई थी। और सिर्फ Meta ही नहीं बल्कि कोई भी बड़ी tech company हो उनकी service में कोई न कोई issue  हो ही जाता है।

इसी को ध्यान में रखते हुए Web 3.0 Uninterrupted services provide करता है क्योकि web 3.0 blockchain technology पर based है जो की decentralized है मतलब की सभी servers में data Distributed है।

अगर एक या 2 या कुछ और servers में data में कुछ भी issue आता भी है तो बाकि के servers डाटा दिखाते रहेंगे और service कभी भी down नहीं होगी। न ही Website या Application में किसी भी प्रकार का कोई interruption होगा।

Conclusion:-

तो दोस्तों अब आप बताइए कि आपको क्या लगता है की Web 3.0 के बारे में। हमें लगता है की आपको समझ आ गया होगा के web 3.0 Kya Hai?, Web 3.0 कैसे काम करता है?

हमने अपनी तरफ से इस आर्टिकल में आपको बहुत ही simple तरीके से समझाने की का प्रयास किया है कि Web 3.0 Kya Hai? साथ ही साथ इसकी History के बारे में भी हमने आपको बताया Web 1.0 Web 2.0 और Web 3.0 के साथ।

हमें उम्मीद है कि आपको यह article बहुत ही पसंद आया होगा और इस तरह की जानकारी के लिए आप हमारे और भी articles को पढ़ सकते हैं।

इस Post को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद हम उम्मीद करते हैं कि आपका दिन मंगलमय हो।

Leave a Comment